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| चौपाईyyyu |
एक गुप्त मत पुस्तक की विशेषता
प्रभु प्रेमियों ! रामचरितमानस एक आदर्श जीवन शैली, कर्तव्य और धर्म का मार्गदर्शन करती है। इसमें एक आदर्श राजा, पुत्र, भाई और भक्त के रूप में भगवान राम के आचरण के माध्यम से जीवन के मूल्यों को ही नहीं बल्कि भक्ति और योग के रहस्यों को भी समझाया गया है। हाँ यह आवश्य है कि यह सर्वसाधारण के दृष्टि में नहीं आ सकता, बल्कि योग के रहस्यों को समझने के लिए संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं जैसे महापुरुषों की की दिव्य चक्षु और निर्देश की आवश्यकता है। जो जल के गर्भ में छिपे जलचर को जाल की भांति खींचकर बाहर ले आता है। प्रस्तुत पुस्तक 'एक गुप्त मत' उसी ज्ञान-चक्षु के समान है जो रामचरितमानस सरोवर के जल में छिपे हुए योग रहस्यों को उद्घाटित करने में पूर्णतः समर्थ है। 'औरउ एक गुपुत मत ' पर दृष्टि पड़ते ही मानस - अध्येता के मानस - पटल पर एक बिजली - सी कौंध आएगी और वे हर्षातिरेक में बोल उठेंगे कि यह मानस की पंक्ति है । मानस की पंक्तियों में भी सामान्य पंक्ति नहीं , बल्कि इसमें निहित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की सयुक्ति है , जिससे भवदुःख की निवृत्ति होती है । ' मानस ' शब्द के अनेक अर्थों में एक अर्थ मानसरोवर भी होता है । स्वच्छ सलिल से सरोवर आकण्ठ सराबोर है । खिले - अधखिले सहस्रों सरसिज के सौरभ से चतुर्दिक सुरभित है । पद्मपराग से भ्रमर उन पुष्पों पर मँडरा रहे हैं और कुछ मधुपान कर मस्ती में झूमते हुए गुणगान कर रहे हैं । लता - वल्लियों के कुंज में जहाँ - तहाँ पंछी कुंज रहे हैं , तो कहीं कोयल सुमधुर कंठ से पंचम तान आलाप रही है । शीतल , मंद , सुगंधित समीरण तथा वहाँ के पवित्र वातावरण से पथिक पुलकायमान हो रहा है ; किन्तु इतना सब कुछ होने पर भी पथिक को जल के नीचे छिपे जलचर का ज्ञान नहीं होता । आवश्यकता है - जल - जाल की , जिसको जल में डालकर उसके नीचे छिपे माल को निकालकर देखा जा सके । रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई 'औरउ एक गुपुत मत' की अर्थ सहित ब्याख्या पढ़ने पर पता चला कि रामायण में 5-10 गूढ़ रहस्य ही नहीं बल्कि योग की संपूर्ण सबसे पावरफुल सभी भेदों का रहस्यमय वर्णन है। रामायण की उपरोक्त बातों में कितनी सच्चाई है आप इस पुस्तक का पाठ करके समझ सकते हैं। ( और जाने )







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